Wednesday, March 4, 2009

चीन की सैन्य तैयारियाँ अमरीका की चिंता

चीन की सैन्य तैयारियाँ अमरीका की चिंता
http://www.bbc.co.uk/hindi/news/story/2007/05/070525_china_us.shtml

चीन का इस साल का रक्षा बजट 49.5 अरब डॉलर का है
चीन के बढ़ते सैन्य खर्च पर अमरीका ने चिंता व्यक्त की है.
अमरीकी रक्षा विभाग, पेंटागन ने संसद को दी गई अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि चीन अपनी सेना पर घोषित बजट से बहुत अधिक खर्च कर रहा है.

पेंटागन ने चीन से पारदर्शिता बरतने की अपील की है.

रिपोर्ट में चीन की हमला करने की बढ़ती क्षमता को रेखांकित किया गया है. कहा गया है कि चीन नई पनडुब्बियाँ, मानवरहित लड़ाकू विमान और आधुनिक मिसाइलें बना रहा है.

चीन ने मार्च में कहा था कि वह वर्ष 2007 के लिए अपने सैन्य खर्च में 17.8 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी कर रहा है. लेकिन यह अभी भी अमरीका की तुलना में काफ़ी कम है.

वाशिंगटन में बीबीसी संवाददाता जेम्स कुमारस्वामी का कहना है कि पेंटागन ने अपनी रिपोर्ट में बताने की कोशिश की है कि चीन की बढ़ती आर्थिक और राजनीतिक ताक़त उसके सैन्य विकास में दिखाई देती है.

अमरीकी रक्षा विभाग की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन अपनी सीमा की परिस्थियों को देखते हुए जिस तरह की सैन्य ताक़त हासिल कर रहा है वह उसे हमला करने की ज़्यादा ताक़त दे रहा है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन की सैन्य तैयारियाँ ताइवान के मसले में अमरीका के सीधे हस्तक्षेप को ध्यान में रखकर की जा रही हैं.

पेंटागन ने कहा है कि जनवरी में चीन ने जिस तरह से सैटेलाइट-रोधी मिसाइल का परीक्षण किया उससे कई देश चिंतित हैं.

अमरीका के रक्षामंत्री रॉबर्ट गेट्स का कहना था, "अच्छा होता यदि इसके बारे में चीन ही कुछ बताता...हम उम्मीद करते हैं कि चीन ज़्यादा पारदर्शी होगा."

यह रिपोर्ट ऐसे समय में प्रकाशित हुई है जब चीन की एक उच्च स्तरीय समिति आर्थिक मामलों में विवाद के मुद्दों पर चर्चा करके वापस लौट है.

बीबीसी संवाददाता का कहना है कि इससे यह भी ज़ाहिर होता है कि अमरीका और चीन के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है.

परमाणु हथियार

पेंटागन की रिपोर्ट में उन मिसाइलों को लेकर चिंता ज़ाहिर की गई है जो कहीं भी तैनात की जा सकती हैं और कहा जाता है कि उनकी क्षमता पूरे अमरीका में कहीं भी हमला करने की है.


चीन नई पनडुब्बियाँ विकसित कर रहा है

कहा गया है कि चीन ने परमाणु क्षमताओं वाली नई पनडुब्बियाँ विकसित की हैं जिसमें आठ हज़ार किलोमीटर से ज़्यादा दूरी तक मार करने वाली बैलास्टिक मिसाइलें तैनात की जा सकतीं हैं.

विशेषज्ञों का कहना है कि जिन-क्लास पनडुब्बियों में 12 मिसाइलें तैनात की जा सकती हैं. इनमें से हर मिसाइल में तीन परमाणु हथियार ले जाए जा सकते हैं.

ताइवान में चाइनीज़ काउंसिल फॉर एडवान्स पॉलिसी स्टडीज़ के एंड्यू यांग का कहना है कि इनमें से एक पनुडुब्बी का परीक्षण किया जा रहा है और पाँच और बनाए जाने की योजना है.

उनका कहना है कि इससे पहले चीन के पास सिर्फ़ एक पनडुब्बी थी, जो इतनी कम भरोसेमंद थी कि उसे दूर तक जाने की अनुमति ही नहीं थी.

उनका कहना है कि अमरीका की असली चिंता यह है कि इतनी परमाणु क्षमता हासिल करने के बाद कहीं चीन पहले हमला न करने की अपनी परमाणु नीति न बदल ले.

उल्लेखनीय है कि पिछले 15 सालों में चीन ने अपने सैन्य विकास में भारी राशि ख़र्च की है.

हालांकि अमरीका में इस बात पर एक राय नहीं है कि चीन से अमरीका को कितना ख़तरा हो सकता है.

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