Wednesday, March 4, 2009

ब्रह्मोस के नए संस्करण का परीक्षण

ब्रह्मोस के नए संस्करण का परीक्षण
http://www.bbc.co.uk/hindi/regionalnews/story/2009/03/090304_brahmos_test_ac.shtml

ब्रह्मोस मिसाइल को नौसेना में पहले ही शामिल किया जा चुका है
भारत के रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) का कहना है कि उसने ज़मीन से ज़मीन पर मार करने वाली सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल ब्रह्मोस के नए संस्करण का सफल परीक्षण किया है.
पिछली बार जनवरी में इसका परीक्षण किया गया था लेकिन ये मिसाइल अपना लक्ष्य नहीं भेद पाई थी.

इसका प्रक्षेपण तो सफल रहा था लेकिन मिसाइल अपना रास्ता भटक गई था और अपने लक्ष्य से कहीं दूर जाकर गिरी थी.

भारतीय सेना ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि इस मिसाइल को वह तभी शामिल करेगी जब इसके कई सफल परीक्षण हो जाएँगे.

ये मिसाइल रूस के सहयोग से विकसित की गई है और इसकी मारक क्षमता लगभग 290 किलोमीटर है.

आठ मीटर लंबी इस मिसाइल का वज़न तीन टन है. इसकी गति ध्वनि से कहीं ज़्यादा लगभग 2.823 मैक है.

ब्रह्मोस मिसाइल को ज़मीन, पनडुब्बी, जहाज और विमान से प्रक्षेपित किया जा सकता है और ये 200 से लेकर 300 किलोग्राम तक के पारंपरिक हथियार ले जा सकती है.

ब्रह्मोस मिसाइल को रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) और रूस का एनपीओ माशिनिस्त्रोयेमिया मिलकर विकसित कर रहे हैं.

इसका नाम भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मस्कवा नदियों के नाम पर रखा गया है.


मनमोहन सिंह ने कामकाज शुरू किया


मनमोहन सिंह स्वस्थ और प्रसन्न लग रहे थे
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बाइपास सर्जरी के बाद बुधवार से सार्वजनिक तौर पर कामकाज शुरु कर दिया.
इससे पहले तक वे अपने निवास से कई ज़रूरी काम निबटा रहे थे लेकिन बुधवार को पहली बार उन्होंने एक विदेशी राष्ट्राध्यक्ष से मुलाक़ात की.

अफ्रीकी देश बेनिन के राष्ट्रपति बोनी यायी के साथ औपचारिक मुलाक़ात के साथ उन्होंने प्रधानमंत्री के तौर पर अपने दायित्वों का निर्वाह शुरू कर दिया.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़, बंद गले वाला स्लेटी रंग के सूट पहनकर बातचीत के लिए आए प्रधानमंत्री स्वस्थ और प्रसन्न दिखाई दे रहे थे.

उन्होंने अफ्रीकी देश के नेता से करीब डेढ़ घंटे तक बातचीत की.

बाइपास ऑपरेशन के बाद सार्वजनिक जीवन में यह उनका पहला क़दम था, बैठक के लिए आने पर प्रधानमंत्री ने हाथ हिलाकर वहाँ मौजूद पत्रकारों और फोटोग्राफ़रों का अभिवादन किया.

डेढ़ घंटे की बैठक के बाद हुए तीन समझौते पर हस्ताक्षर के दौरान भी वे वहाँ मौजूद रहे.

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की धमनियों में पाँच जगह रुकावटें थीं जिन्हें दूर करने के लिए 24 जनवरी को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में बाइपास सर्जरी की गई थी.

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की ग़ैर-मौजूदगी में प्रणव मुखर्जी के नेतृत्व में वरिष्ठ मंत्रियों की एक टीम कामकाज संभाल रही थी.

क्या आईपीएल के मैच टाले जाएँगे?


चिदंबरम ने आईपीएल के लिए सुरक्षा मुहैया करवाने से इनकार नहीं किया है
गृहमंत्री पी चिदंबरम चाहते हैं कि इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के मैच चुनाव के बाद तक के लिए टाल दिए जाएँ.
उनका कहना है कि चुनाव के समय में चालीस जगहों पर आईपीएल के लिए सुरक्षा मुहैया करवाना कठिन काम होगा.

उन्होंने गृहसचिव को सलाह दी है कि वे आईपीएल के मैच चुनाव के बाद करवाने की संभावना पर विचार के लिए आईपीएल के आयोजकों से बात करें.

लेकिन इधर क्रिकेट से जुड़े लोगों का कहना है कि यह संभव नहीं दिखता कि आईपीएल के मैच टाले जाएँ क्योंकि क्रिकेट के खिलाड़ियों की भी अपनी व्यस्तताएँ होती हैं.

उल्लेखनीय है कि आईपीएल का पहला मैच 10 अप्रैल को खेला जाना है और इसका फ़ाइनल 24 मई को खेला जाना है.

इस बीच 16 अप्रैल से 16 मई के बीच संसदीय चुनाव करवाने की भी घोषणा की जा चुकी है.

सुरक्षा का सवाल

आईपीएल के मैचों के दौरान सुरक्षा का सवाल लाहौर में श्रीलंकाई टीम पर हुए चरमपंथी हमले के बाद उठा है.


मैं नहीं चाहता कि अर्धसैनिक बलों पर बोझ डाला जाए और वे तनाव में रहें


पी चिदंबरम

एक निजी टेलीविज़न चैनल एनडीटीवी से हुई बातचीत में गृहमंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि वे यह नहीं कह रहे हैं कि वे आईपीएल मैचों के दौरान सुरक्षा मुहैया नहीं करवा सकेंगे लेकिन चुनाव के दौरान ऐसा करना कठिन होगा.

उनका कहना था, "मैं नहीं चाहता कि अर्धसैनिक बलों पर बोझ डाला जाए और वे तनाव में रहें."

उन्होंने कहा कि उनकी राय में यदि आईपीएल के मैच चुनाव के बाद तक टाले जा सकें तो अच्छा होगा.

जैसा कि गृहमंत्री ने कहा कि गृहसचिव को आईपीएल अधिकारियों से चर्चा करने को कहा है, बुधवार को गृहसचिव मधुकर गुप्ता आईपीएल के आयोजकों से चर्चा करने जा रहे हैं.

टालना संभव नहीं


कहना आसान है लेकिन ऐसा होना संभव नहीं दिखता क्योंकि जैसा राजनीतिक व्यक्तियों का तय कार्यक्रम होता है वैसे ही क्रिकेट खिलाड़ियों का भी अपना कार्यक्रम होता है


हर्षा भोगले

लेकिन क्रिकेट पत्रकार हर्षा भोगले ने बीबीसी से हुई बातचीत में कहा कि उन्हें नहीं लगता कि आईपीएल के मैच टाले जा सकेंगे.

उन्होंने कहा, "कहना आसान है लेकिन ऐसा होना संभव नहीं दिखता क्योंकि जैसा राजनीतिक व्यक्तियों का तय कार्यक्रम होता है वैसे ही क्रिकेट खिलाड़ियों का भी अपना कार्यक्रम होता है."

उन्होंने कहा, "मैं राजनीति को नहीं जानता और न जानना चाहता हूँ लेकिन यह दुख की बात है कि अब क्रिकेट की बात सुरक्षा से शुरु होती है."

उन्होंने कहा कि आईपीएल का कार्यक्रम भी इसी तरह से तय किया जा रहा है कि चुनाव और आईपीएल मैचों के बीच कोई टकराव न हो और जिस शहर में चुनाव हों वहाँ मैच न रखा जाए.

उन्होंने माना कि पाकिस्तान में हुए हमले का असर विश्वकप के आयोजन पर भी पड़ेगा.

उनका कहना था कि ऐसा कहते हुए उन्हें दुख हो रहा है कि लेकिन उन्हें नहीं लगता कि अगले दो साल कोई भी विदेशी टीम पाकिस्तान जाकर खेलना चाहेगी.

कहाँ और किस दिन मतदान


चुनाव कार्यक्रम के अनुसार पाँच चरणों में चुनाव होंगे
भारत के चुनाव आयोग ने पंद्रहवीं लोकसभा के लिए चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर दी है.
चुनाव कार्यक्रम के अनुसार जम्मू-कश्मीर और उत्तर प्रदेश में पाँच चरणों में चुनाव होंगे, बिहार में चार चरणों में मतदान होना है जबकि आठ राज्यों में दो-दो चरणों में चुनाव होंगे और शेष सभी राज्यों में एक ही चरण में मतदान होना है.

चुनाव कार्यक्रम का ब्यौरा

आंध्र प्रदेश - कुल सीटें 42 - दो चरणों में - 22 सीटों पर 16 अप्रैल, 20 सीटों पर 23 अप्रैल को

अरुणांचल प्रदेश - कुल सीटें 2, एक ही चरण में 16 अप्रैल को

असम - कुल सीटें -14, दो चरणों में, 3 सीटों पर 16 अप्रैल, 11 सीटों पर 23 अप्रैल को

बिहार- कुल सीटें 40, चार चरणों में, 13 सीटों पर 16 अप्रैल, 13 सीटों पर 23 अप्रैल, 11 सीटों पर 30 अप्रैल को और तीन सीटों पर 7 मई को

गोवा - कुल सीटें 2, एक ही चरण में 23 अप्रैल को

गुजरात - कुल सीटें 26, एक ही चरण में 30 अप्रैल को

हरियाणा - कुल सीटें 10, एक ही चरण में 7 मई को

हिमाचल प्रदेश - कुल सीटें 4, एक ही चरण में 13 मई को

जम्मू कश्मीर - कुल सीटें 6, पाँच चरणों में, 1 सीट पर 16 अप्रैल, एक सीट पर 23 अप्रैल, एक सीट पर 30 अप्रैल, एक सीट पर 7 मई को और दो सीटों पर 13 मई को

कर्नाटक - कुल सीटें 28, दो चरणों में, 17 सीटों पर 23 अप्रैल, 11 सीटों पर 30 अप्रैल को

केरल - कुल सीटें 20, एक ही चरण में 16 अप्रैल को

मध्य प्रदेश - कुल सीटें 29, दो चरणों में, 13 सीटों पर 23 अप्रैल, 16 सीटों पर 30 अप्रैल को

महाराष्ट्र - कुल सीटें 48, तीन चरणों में, 13 सीटों पर 16 अप्रैल, 25 सीटों पर 23 अप्रैल को और 10 सीटों पर 30 अप्रैल को

मणिपुर - कुल सीटें दो, दो चरणों में, 16 और 23 अप्रैल को

मेघालय - कुल सीटें दो, एक ही चरण में 16 अप्रैल को

मिज़ोरम - कुल एक सीट, 16 अप्रैल को चुनाव

नगालैंड - कुल एक सीट, 16 अप्रैल को चुनाव

उड़ीसा - कुल सीटें 21, दो चरणों में, 10 सीटों पर 16 अप्रैल, 11 सीटों पर 23 अप्रैल को

पंजाब - कुल सीटें 13, दो चरणों में, चार सीटों पर 7 मई को और नौ सीटों पर 13 मई को

राजस्थान - कुल सीटें 25, एक ही चरण में सात मई को

सिक्किम - कुल एक सीट, 30 अप्रैल को

तमिलनाडु - कुल सीटें 39, एक ही चरण में 13 मई को

त्रिपुरा - कुल सीटें दो, एक ही चरण में 23 अप्रैल को

उत्तर प्रदेश - कुल सीटें 80, पाँच चरणों में, 16 सीटों पर 16 अप्रैल, 17 सीटों पर 23 अप्रैल, 15 सीटों पर 30 अप्रैल, 18 सीटों पर सात मई और 14 सीटों पर 13 मई को

पश्चिम बंगाल - कुल सीटें 42, तीन चरणों में, 14 सीटों पर 30 अप्रैल, 17 सीटों पर सात मई और 11 सीटों पर 13 मई को

छत्तीसगढ़ - कुल सीटें 11, एक ही चरण में 16 अप्रैल को

झारखंड - कुल सीटें 14, दो चरणों में, 6 सीटों पर 16 अप्रैल, 8 सीटों पर 23 अप्रैल को

उत्तरांखंड - पाँच सीटों पर एक ही चरण में 13 मई को

केंद्र शासित प्रदेश

दादर एवं नगर हवेली (30 अप्रैल)
दमन एवं दीव (30 अप्रैल)
अंडमान निकोबार द्वीप समूह (16 अप्रैल)
चंडीगढ़ (13 मई)
दिल्ली (07 मई)
लक्षद्वीप (16 अप्रैल)
पांडिचेरी (13 मई

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